हर रंग में ,हर रूप में
ये अक्सर दिलों का मौसम
बदल खुशनुमा कर देते हैं !
झुण्ड मे खिले तो मन को
इंद्रधुनष बना देते हैं
और गर खिले निर्जन वन में
स्वाभिमान से भरे नजर आते हैं !
फूल अगर सूख भी जाये
तो क्या महकना नहीं छोड़ते
नियति में तय है उनकी
जब तक रहना देना ही देना !
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